वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज इन दिनों युवाओं में बहुत प्रसिद्ध हैं।
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वे जीवन, संसार और आध्यात्म से जुड़े प्रश्नों पर बहुत सरल भाषा में जानकारी देते हैं।
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प्रेमानंद जी महाराज का जन्म 1972 में कानपुर के निकट एक गांव में हुआ था।
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प्रेमानंद जी महाराज ने मात्र 13 वर्ष की आयु में ही घर छोड़ दिया था।
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इसके बाद उन्होंने सन्यास
परंपरा में दीक्षा ली और उन्हें
नया नाम मिला।
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दीक्षा लेने के बाद वह गंगा तट पर ही अपनी साधना में जुट गए।
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उसी समय एक संत ने उन्हें
रासलीला देखने के लिए
आमंत्रण दिया।
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प्रेमानंद जी महाराज रासलीला से प्रभावित होकर वृंदावन चले आए।
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यहां उन्होंने वर्तमान गुरु श्री हित
गौरांगी शरण महाराज से दीक्षा
मंत्र लिया।
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तभी से वह वृंदावन में तप और प्रवचन करते हैं। वह यहां से भी बाहर नहीं जाते हैं।
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